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लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं,

  लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं , मेरी शोहरत किसी के            नाम की मोहताज नहीं Attitude Shayari, log mujhe apane honthon  se lagae hue hain,  meree shoharat kisee ke  naam kee mohataaj nahin

आराम से कट रही थी तो अच्छी थी

 "असअद बदायुनी" एक प्रसिद्ध उर्दू शायर थे। उनका जन्म 17 फरवरी 1927 को भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के बदायूं शहर में हुआ था, और उनका नाम सय्यद محمد حسن محدیآس الحسینی (Saiyad Mohammad Hasan Mehdi Ahsan ul Husaini) था। वे उर्दू और हिंदी भाषा में शेर (शेरों की कविताएँ) लिखते थे और उनकी कविताएँ उर्दू शायरी के प्रसिद्ध उपन्यासों और कविता संग्रहों में प्रकाशित हुई हैं। वे उर्दू लेखक और शायर के रूप में अपने काम के लिए मशहूर हुए।

असअद बदायुनी की कविताएँ और शेर उनकी मानसिकता, समाज, प्रेम, और जीवन के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास करती हैं। उन्होंने अपनी कल्पना के साथ खुद को अभिव्यक्ति देने के लिए शायरी का साधना किया और उनके काव्य कृतियाँ उर्दू और हिंदी कविता में महत्वपूर्ण हैं।

असअद बदायुनी के शेरों और कविताओं का अधिक अध्ययन करने के लिए, आप उनकी कविताओं के संग्रहों को खोज सकते हैं और उनके विचारों को समझ सकते हैं।

आराम से कट रही थी तो अच्छी थी,

जिंदगी तू कहाँ इन आँखों की

, बातों में आ गयी.....!!!

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Dard - shayari


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