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लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं,

  लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं , मेरी शोहरत किसी के            नाम की मोहताज नहीं Attitude Shayari, log mujhe apane honthon  se lagae hue hain,  meree shoharat kisee ke  naam kee mohataaj nahin

पलकें खुली सुबह तो ये जाना हमने

 हबीब जालिब (Habib Jalib) पाकिस्तान के मशहूर उर्दू कवि थे, जिन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से सामाजिक और सियासी समस्याओं पर विचार किए। वे 1928 में पैदा हुए और 1993 में इनकी मृत्यु हुई।

हबीब जालिब की कविताएँ और गीत सामाजिक न्याय, आजादी, और इंसानियत के मुद्दों पर थीं। हबीब जालिब (Habib Jalib) पाकिस्तान के प्रमुख उर्दू कवियों में से एक थे। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज के दुखद समस्याओं और राजनीतिक समस्याओं पर अपने दृष्टिकोण को व्यक्त किया। उन्होंने आजादी संग्राम के समय से लेकर और उसके बाद के कई दशकों तक कविताओं का रचना की।

हबीब जालिब के कविताओं में आम लोगों की समस्याओं के साथ ही सरकारी असलियत और नेताओं की बेईमानी पर भी आलोचना की गई थी।हबीब जालिब (Habib Jalib) पाकिस्तान के मशहूर उर्दू कवि और लेखक थे। उनका जन्म 24 مارچ 1928 को हوا، और मौत 12 مارچ 1993 को हुई। हबीब जालिब ने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज, सिआसत और समाजवाद के मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। उनकी कविताएँ आम जनता के दिलों में समस्याओं के साथ साथ आवाज उठाने का साहस दिखाती थीं।

पलकें खुली सुबह तो ये जाना हमने

  मौत ने आज फिर हमें

      ज़िन्दगी के हवाले कर दिया

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sad - shayari


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