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लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं,

  लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं , मेरी शोहरत किसी के            नाम की मोहताज नहीं Attitude Shayari, log mujhe apane honthon  se lagae hue hain,  meree shoharat kisee ke  naam kee mohataaj nahin

न तेरी शान कम होती

 जौन एलिया (Jaun Elia) एक प्रमुख उर्दू शायर और कवि थे, जिन्होंने अपनी शायरी के लिए मशहूरी प्राप्त की थी। उनका जन्म 14 दिसंबर 1931 को भारत के राजस्थान राज्य के अम्बाला शहर में हुआ था, और उनका निधन 8 नवंबर 2002 को हुआ था।

जौन एलिया की शायरी उनकी अद्वितीय शैली, उदास और अंधकारमय विचारधारा, और उच्च भाषा के लिए प्रसिद्ध है। वे अक्सर प्यार, दर्द, और जीवन के परिपेषणों पर अपनी शायरी में भावनाओं को व्यक्त करते थे। जौन एलिया के काव्य साहित्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है और उन्होंने उर्दू भाषा में अपनी माहिरी के लिए सराहनीय प्रशंसा प्राप्त की है।

उनकी कविताओं के कई संग्रह उपलब्ध हैं, और उनका काव्य उर्दू साहित्य के अद्वितीय अंश के रूप में मान्य जाता है। जौन एलिया का काव्य आज भी उर्दू शायरी के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मान्य जाता है और उनकी कविताएँ उर्दू भाषा के प्रशंसकों के बीच लोकप्रिय हैं।

न तेरी शान कम होती           

                न रुतबा ही घटा होता

    जो गुस्से में कहा तुमने वही              

              हँस के कहा होता....  

https://shayariek.blogspot.com/2021/05/sorry - shayari .html
sorry - shayari


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