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लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं,

  लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं , मेरी शोहरत किसी के            नाम की मोहताज नहीं Attitude Shayari, log mujhe apane honthon  se lagae hue hain,  meree shoharat kisee ke  naam kee mohataaj nahin

kal raat mainne apane saare gam ,sad shayari

 बशीर बद्र (Bashir Badr) एक प्रमुख उर्दू भाषा के शायर और कवि हैं, जिन्होंने उर्दू साहित्य में अपनी महत्वपूर्ण रचनाओं के लिए प्रसिद्ध होने के लिए कायम किया है। वे भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में तिहाड़ क्षेत्र के बागबाड़ (Baghpat) जिले के गांव में पैदा हुए थे।

बशीर बद्र ने अपनी कविताओं में उर्दू भाषा के सौंदर्य, भावनाओं, और मानवीय अनुभवों को महकने की कला को अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत किया है। उनकी कविताओं में मोहब्बत, जिंदगी, और व्यक्तिगत अनुभवों के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास किया गया है।

बशीर बद्र ने कई पुस्तकें और कविता संग्रह लिखी हैं, जिनमें "आवाज़ का दरिया" (Nadi-e-Awaz) और "पलकें उठा कर देख" (Palken Utha Kar Dekh) शामिल हैं। उन्होंने अपने काव्य में सुंदर छवियों और गहरी भावनाओं के साथ अपनी कला का प्रदर्शन किया है, जिसके कारण उन्हें उर्दू साहित्य के प्रमुख कवियों में से एक माना जाता है।

कल रात मैंने अपने सारे ग़म

   कमरे की दीवारों पे लिख डाले,

   बस हम सोते रहे और

   दीवारें रोती रहीं…...


https://shayariek.blogspot.com/2021/07/kal-raat-mainne-apane-saare-gam-sad.html
sad - shayari

          kal raat mainne apane saare gam
              kamare kee deevaaron pe likh daale,
                bas ham sote rahe aur
               deevaaren rotee raheen…...
kal raat mainne apane saare gam
   kamare kee deevaaron pe likh daale,
   bas ham sote rahe aur
   deevaaren rotee raheen…...

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