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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

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लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं,

  लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं , मेरी शोहरत किसी के            नाम की मोहताज नहीं Attitude Shayari, log mujhe apane honthon  se lagae hue hain,  meree shoharat kisee ke  naam kee mohataaj nahin

aap chaahe kitane bhee achchhe kaam karen,hindi suvichar

हैलो दोस्तों शायरी सुनना किसको पसंद नहीं है. पहले तो कविता और शायरी और गाने ही लोगों के मनोरंजन के साधन होते थे. पहले लोग यारों दोस्तों के साथ बैठकर इसका आनंद लेते थे लेकिन अब इसका स्वरूप बदल गया है. अब लोग मोबाइल पर इसे शेयर करके आनंद लेते हैं. शायरी कविता की एक विशेष रूप होती है। इसमें भावनाएं , आदर्श , या विचारों को सुंदर और संगठित ढंग से व्यक्त किया जाता है. शायरी में अक्सर भावुकता , प्यार , दर्द , या जीवन के मुद्दों को व्यक्त करने का प्रयास किया जाता है. यह एक कला के रूप में मानी जाती है. इसे अपनी शैली , रचना और व्यंग्य के आधार पर चरित्रित किया जा सकता है. शायरी को अक्सर उच्चतम रस की एक व्यक्ति माना जाता है. इसे सुनने या पढ़ने से आनंद और आत्मा की शांति मिलती है. दोस्तों आज मैं इस पोस्ट में एक बेहतरी शायरी लेकर आया हूं. इसे आप जरूर पढ़ना चाहेंगे. अगर ये पसंद आए तो अपने दोस्तों को भी शेयर करें.  आप चाहे कितने भी अच्छे काम करेँ.. या कितने भी अच्छे इंसान हो..। किन्तु दुर्जन और दुष्ट व्यक्ति सदैव  आपके दोष खोजने मेँ व्यस्त रहते हैँ hindi - suvichar aap chaahe kitane bhee achch...

"vakt ke saath rishte naye jodate rahiye, dosti shayari,

मीर तक़ी मीर (Mir Taqi Mir) भारतीय उर्दू कवि थे और उन्हें उर्दू शायरी के महान कवियों में से एक माना  जाता है। वे 18वीं सदी के अंत में और 19वीं सदी की शुरुआत में जन्मे और उनका जन्म स्थान दिल्ली में था। मीर तक़ी मीर का जीवन बहुत ही रोमांचक और कविता से भरपूर था। उन्होंने अपने काव्य में जीवन के रंग-रूप और भावनाओं को बखूबी व्यक्त किया। उनकी कविताएँ आम लोगों के दिलों को छूने वाली थीं और वे आधुनिक उर्दू शायरी के प्रमुख प्रतिनिधित्व में हैं। मीर तक़ी मीर की जीवनी में कुछ मुख्य तथ्य हैं: शायरी की शुरुआत: मीर तक़ी मीर ने अपनी शायरी करियर की शुरुआत नवाब आसफ़ उद्दौला के दरबार में कियी थी, जो दिल्ली के उस समय के मशहूर शायरों के आस-पास हुआ करते थे। आर्थिक कठिनाइयाँ: मीर का जीवन आर्थिक कठिनाइयों से भरपूर रहा है। उन्होंने कई बार गरीबी और आर्थिक संकट का सामना किया और इसका प्रतिबिम्ब उनकी कविताओं में मिलता है। व्यक्तिगत जीवन: मीर तक़ी मीर का व्यक्तिगत जीवन भी दुखभरा रहा है। उनकी प्रेम कविताओं में अकेलेपन, प्यार, और दर्द के बारे में बड़े ही आदर्श ढंग से व्यक्त किया गया है। उर्दू शायरी में योगदान: मीर...

jab vichaar, praarthana aur , Good Morning

मिर्ज़ा ग़ालिब (Mirza Ghalib) भारतीय उर्दू शायर और कवि थे, जो 18वीं और 19वीं सदी के बीच जीते थे।  वे उर्दू शायरी के महान कवि में से एक माने जाते हैं और उनकी कविताएँ आज भी उर्दू  साहित्य के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में मान्य जाती हैं। मिर्ज़ा ग़ालिब का जीवन परिचय निम्नलिखित है: जन्म: मिर्ज़ा ग़ालिब का जन्म 27 दिसंबर 1797 को मुग़ल साम्राज्य के दिल्ली में हुआ था। व्यक्तिगत जीवन: ग़ालिब का व्यक्तिगत जीवन कई मुश्किलों से भरपूर रहा। उन्होंने कई बार आर्थिक संकटों का सामना किया और उनके जीवन में व्यक्तिगत दुखभरा महसूस किया गया। कविता कार्य: मिर्ज़ा ग़ालिब ने उर्दू शायरी में अपनी अनोखी पहचान बनाई। उनकी कविताएँ विशेष रूप से ग़ज़लों और शेरों की रूप में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने अपने काव्य में मोहब्बत, विरह, और मानवी जीवन के विभिन्न पहलुओं को अत्यधिक अद्वितीय तरीके से व्यक्त किया। शायरी की महत्वपूर्ण योगदान: मिर्ज़ा ग़ालिब को उर्दू शायरी के सितारों में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। उनके शेर और ग़ज़लें आज भी कविता प्रेमियों के बीच प्रसिद्ध हैं और उनका काव्य उर्दू साहित्य की महत्वपूर्ण धारा को प...

ummeed se bharee ek ,Good morning

अल्लामा मुहम्मद इकबाल ( Allama Muhammad Iqbal) पाकिस्तान के महान शायर , फिलोसफर , और सियासी विचारक थे। वे उर्दू और परसी भाषाओं के महान कवि में से एक माने जाते हैं और उन्होंने अपनी शायरी के माध्यम से भारतीय और पाकिस्तानी युगों के लिए रोशनी की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान किया। यहां अल्लामा इकबाल का जीवन परिचय दिया गया है: जन्म और शिक्षा: अल्लामा इकबाल का जन्म 9 नवंबर 1877 को ब्रिटिश भारत के सियालकोट (अब पाकिस्तान का हिस्सा) में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा लाहौर और कराची में पूरी की , और फिर वे इंग्लैंड के केम्ब्रिज और म्यूनिख के म्यूनिख विश्वविद्यालय से विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए गए। शायरी करियर: अल्लामा इकबाल ने उर्दू और परसी में अपनी उद्गारणात्मक शायरी की शुरुआत की , और उन्होंने अपने शेर और ग़ज़लों में तात्त्विकता , मानवीयता , और दार्शनिक विचारों को अद्वितीय तरीके से जोड़ा। उनकी कविताएँ मानवी अधिकार , आजादी , और समाजिक न्याय के मुद्दों पर आधारित थीं।   सियासी योगदान: अल्लामा इकबाल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय भारतीय मुस्लिम समुदाय के लिए एक मान्यता प्राप्त की...

aag lagana mere phitarat mein nahe hai, attitude shayari

गुलजार ( Gulzar) एक प्रमुख भारतीय गीतकार , गीतकार , लेखक , फ़िल्म निर्माता और फ़िल्म निर्देशक हैं , जिन्होंने भारतीय सिनेमा और साहित्य के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने अपने विविध योगदानों के लिए कई पुरस्कार भी प्राप्त किए हैं। यहां उनका संक्षेपिक जीवन परिचय है: जन्म: गुलजार का जन्म 18 अगस्त 1934 को जीतसर , ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान) में हुआ था। कविता करियर: गुलजार ने अपने करियर की शुरुआत उर्दू और हिंदी कविता से की , और उन्होंने अपनी कविताओं में अपने व्यक्तिगत भावनाओं , समाजिक मुद्दों , और रोमांच को व्यक्त किया। उनका एक प्रमुख कविता संग्रह है "राह-ए-मिलत"। गीतकारी करियर: गुलजार ने गीतकार के रूप में भी अपना मार्क छोडा , और उन्होंने कई हिट गीतों के बोल लिखे हैं। उन्होंने कई बॉलीवुड फ़िल्मों के लिए गीतकारी की , जैसे कि "मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास है" (अमर प्रेम) और "तुझसे नाराज़ नहीं जिंदगी" (मस्ताना)। फ़िल्मी करियर: गुलजार ने फ़िल्म निर्माण और निर्देशन में भी अपनी माहिरी दिखाई। उन्होंने कई प्रमुख फ़िल्मों को डायरेक्ट किया , जैसे कि...

kal raat mainne apane saare gam ,sad shayari

  बशीर बद्र ( Bashir Badr) एक प्रमुख उर्दू भाषा के शायर और कवि हैं , जिन्होंने उर्दू साहित्य में अपनी महत्वपूर्ण रचनाओं के लिए प्रसिद्ध होने के लिए कायम किया है। वे भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तरी भाग में तिहाड़ क्षेत्र के बागबाड़ ( Baghpat) जिले के गांव में पैदा हुए थे। बशीर बद्र ने अपनी कविताओं में उर्दू भाषा के सौंदर्य , भावनाओं , और मानवीय अनुभवों को महकने की कला को अद्वितीय तरीके से प्रस्तुत किया है। उनकी कविताओं में मोहब्बत , जिंदगी , और व्यक्तिगत अनुभवों के विभिन्न पहलुओं को छूने का प्रयास किया गया है। बशीर बद्र ने कई पुस्तकें और कविता संग्रह लिखी हैं , जिनमें "आवाज़ का दरिया" ( Nadi-e-Awaz) और "पलकें उठा कर देख" ( Palken Utha Kar Dekh) शामिल हैं। उन्होंने अपने काव्य में सुंदर छवियों और गहरी भावनाओं के साथ अपनी कला का प्रदर्शन किया है , जिसके कारण उन्हें उर्दू साहित्य के प्रमुख कवियों में से एक माना जाता है। कल रात मैंने अपने सारे ग़म    कमरे की दीवारों पे लिख डाले,    बस हम सोते रहे और    दीवारें रोती रहीं…... sad - shayari      ...

jab huee thee mohabbat to laga Sad Shayari

राहत इंदौरी ( Rahat Indori) एक प्रमुख भारतीय शायर , कवि , और गीतकार थे , जिन्होंने हिंदी और उर्दू में कविता और गीत लिखे थे। वे 1 जनवरी 1950 को इंदौर , मध्य प्रदेश , भारत में पैदा हुए थे और 11 अगस्त 2020 को उनकी मृत्यु हो गई। वे एक प्रसिद्ध और प्रेरणास्पद कवि थे , जिनकी कविताएँ और शेर आम जनता के बीच में बड़े पॉप्यूलर थे। उन्होंने अपनी कविताओं में समाज , प्यार , जीवन के मुद्दे , और राष्ट्रीय विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। राहत इंदौरी की कविताएँ और शेर आज भी लोगों के दिलों में बसे हुए हैं और उन्हें एक महान कवि के रूप में याद किया जाता है। जब हुई थी मोहब्बत तो लगा                  किसी अच्छे काम का है सिला,         खबर न थी के गुनाहों कि          सजा ऐसे भी मिलती है.... sad - shayari jab huee thee mohabbat to laga                  kisee achchhe kaam ka hai sila,         khabar na thee ke gunaahon ki       ...

Dil se teree yaad ko juda to nahin kiya, SORRY Shayari

निदा फ़ाज़ली ( Nida Fazli) एक प्रमुख भारतीय उर्दू और हिंदी कवि थे। उनका जन्म 12 अक्टूबर 1938 को दिल्ली , भारत में हुआ था और उनकी मृत्यु 8 फरवरी 2016 को मुंबई , महाराष्ट्र , भारत में हुई। वे एक प्रमुख शायर और गीतकार भी थे।  निदा फ़ाज़ली की कविताएँ और गीत उनकी भावनाओं और अनुभवों को व्यक्त करने के लिए जानी जाती हैं। उन्होंने अपने काव्य में प्यार , जीवन , समाजिक मुद्दे , और धार्मिकता जैसे विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। उनकी कविताएँ और गीत भारतीय साहित्य और संगीत के मैदान में महत्वपूर्ण योगदान के रूप में मान्य जाते हैं। दिल से तेरी याद को जुदा तो नहीं किया,                रखा जो तुझे याद कुछ बुरा तो नहीं किया,      हम से तू नाराज़ हैं किस लिये बता जरा,            हमने कभी तुझे खफा तो नहीं किया.... । SORRY -  Shayari dil se teree yaad ko juda to nahin kiya,                rakha jo tujhe yaad kuchh bura to nahin kiya,      ham se to...